इसके बाद चालानी रिपोर्ट को १ ९ जनवरी को अल्मोड़ा के परगना अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
8.
वादी द्वारा परगना अधिकारी के समक्ष इस आशय का प्रार्थनापत्र दिया गया तथा उनके द्वारा जिस खेत नंबर-1901 में गलती से अतिक्रमण हो गया था, उसे हटा लिया गया।
9.
एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक प्रति पृष्ठ 2 रुपए के स्थान पर 6 रुपए की बात पर तिवारी द्वारा अपीलीय अधिकारी / परगना अधिकारी नैनीताल के कार्यालय में अपील की गई।
10.
वादी द्वारा जिरह में स्वीकार किया गया है कि जब उदय प्रताप बाउन्ड्री वाल बनवाने लगे तब उसने परगना अधिकारी करछना को प्रार्थनापत्र दिया था जिसपर परगना अधिकारी ने उसे रोकवाने के लिये आदेश दिया था।